21. वार्ड-लियोनार्ड विधि से मोटर की घूर्णन गति का नियन्त्रण किया जा सकता है
(a) केवल एक दिशा में सामान्य से कम अथवा अधिक गति के लिए
(b) दोनों दिशाओं में सामान्य से कम अथवा अधिक गति के लिए
(c) केवल एक दिशा में सामान्य से कम गति के लिए
(d) केवल एक दिशा में सामान्य से अधिक गति के लिए
22. इन्सुलेशन प्रतिरोध नापा जाता है
(a) मेगा-वाट में
(b) मेगा-ओह्म में
(c) किलो-ओह्म में
(d) किलो-वोल्ट में
23. वैद्युतिक मोटर की बियरिंग द्वारा अत्यधिक शोर पैदा करने का कारण होता है
(a) अधिक ग्रीस
(b) कम ग्रीस
(c) गलत ग्रेड की ग्रीस
(d) ग्रीस न होना
24. डी०सी० मोटर या जनित्र में 'डमी-क्वॉयल' प्रयोग करने का उद्देश्य है
(a)रिएक्टेन्स वोल्टेज को समाप्त करना
(b)आर्मेचर रिएक्शन को समाप्त करना
(c)आर्मेचर में यान्त्रिक सन्तुलन स्थापित करना
(d)आर्मेचर प्रतिरोध को बढ़ाना
25. स्टार्टिंग के समय किसी डी०सी० मोटर में विरोधी विद्युत वाहक बल का मान होता है
(a) अनन्त
(b) उच्च
(c) निम्न
(d) शून्य
26. किसी कार्यरत डी०सी० शंट मोटर की घूर्णन गति को उसकी सामान्य गति से कुछ कम करने के लिए
(a) आर्मेचर सर्किट का प्रतिरोध बढ़ाया जाता है
(b) फील्ड सर्किट का प्रतिरोध बढ़ाया जाता है
(c)सप्लाई वोल्टेज का मान बढ़ाया जाता है
(d) सप्लाई वोल्टेज का मान घटाया जाता है
27. मोटर की घूर्णन गति के नियन्त्रण के लिए 'टेप्ड फील्ड नियन्त्रित' विधि का प्रयोग किया जाता है
(a) डी०सी० सीरीज मोटर में
(b) डी०सी० शंट मोटर में
(c) डी०सी० क्यूम्यूलेटिव कम्पाउन्ड मोटर में
(d) डी०सी० डिफरेन्शियल कम्पाउन्ड मोटर में
28. डी०सी० शंट मोटर पर लोड बढ़ाने से उसकी घूर्णन गति
(a) कुछ बढ़ जाती है
(b) कुछ घट जाती है
(c) वही रहती है
(d) आनुपातिक रूप से बढ़ती है
29. गति नियन्त्रण की 'सीरीज-पैरेलल' विधि का प्रयोग किया जाता है
(a) सीरीज मोटर में
(b) शंट मोटर में
(c) कम्पाउन्ड मोटर में
(d) ये सभी
30. स्टैपर मोटर में प्रयोग किया जाने वाला रोटर होता है
(a) सेलिएन्ट प्रकार का
(b) स्थायी चुम्बकीय प्रकार का
(c) लेमिनेटेड प्रकार का
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
31. डी०सी० मोटर को स्टार्ट करने पर आप देखते हैं कि वह झटके से चालू होता है। इस प्रभाव का दोष क्या है?
(a) लाइन वोल्टता बहुत अधिक है
(b) फील्ड वाइण्डिग में लघुपथ है
(c) टार्टर का कॉन्टैक्ट गड्ढा-युक्त है
(d) कार्बन ब्रश का ग्रेड गलत है
33. एक स्थिर वोल्टेज आपूर्ति से जोड़े गए 3 kW वाले डी०सी० शंट मोटर का वेग 2000 R.P.M. है। इस वेग को 2500 R.P.M. तक परिवर्तित करना है। किस वेग नियन्त्रक विधि का प्रयोग करोगे?
(a) पश्च विद्युत वाहक बल को एक प्रतिरोधक से बढ़ाकर
(b) आर्मेचर धारा को एक शंट प्रतिरोधक से सीमित कर
(c) वोल्टेज को एक स्टार्टर से परिवर्तित कर
(d) क्षेत्र धारा को एक क्षेत्र रिहोस्टेट से परिवर्तित कर
34. एक डी०सी० 3 बिन्दु स्टार्टर में NVC का सम्बन्ध श्रेणी में आपूर्ति के आर-पार निम्नलिखित से है
(a) आर्मेचर
(b) आरम्भिक प्रतिरोधक
(c) ओवर लोड रिले
(d) शंट क्षेत्र
36. एक रेल इंजन का दोषित मोटर बदलना है। किस प्रकार के मोटर का चयन करोंगे?
(a)डी०सी० विभेदक संयुक्त मोटर
(b)डी०सी० शंट मोटर
(c)डी०सी० श्रेणी मोटर
(d) पृथक् उत्तेजित मोटर
37. परिवहन वाहन के प्रवर्तन के लिए आप किस प्रकार की मोटर का चयन करेंगे?
(a) डी०सी० श्रेणी मोटर
(b) डी०सी० शंट मोटर
(c)पृथक् उत्तेजित डी०सी० मोटर
(d) डी०सी० विभेदी मिश्र मोटर
38. फ्लेमिंग के बाएँ हाथ के नियम का प्रयोग करते हैं
(a) उत्पन्न e.m.f. की दिशा ज्ञात करने में
(b)मोटर के घूमने की दिशा ज्ञात करने में
(c) चुम्बकीय फलक्स की दिशा ज्ञात करने में
(d) उपरोक्त सभी
39. H.P. रेटिंग होती है
(a) डी०सी० सीरीज मोटर की
(b) डी०सी० कम्पाउन्ड मोटर की
(c) डी०सी० शंट मोटर की
(d) उपर्युक्त सभी
40. डी०सी० थ्री प्वॉइन्ट स्टार्टर में मोटर को ओवरलोड के नुकसान से बचाने के लिए प्रोटेक्टिव डिवाइस होती है
(a) नो वोल्ट क्वॉयल
(b) यूरेका प्रतिरोध
(c) ओवरलोड क्वॉयल
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर 21b, 22b, 23d, 24c, 25d, 26a, 27a, 28b, 29a, 30b, 31c, 32c, 33d, 34d, 35b, 36c, 37a, 38b, 39d, 40c
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