(a) ऊष्मीय, चुम्बकीय, विद्युत झटका देना
(b) ऊष्मीय, प्रकाश उत्पन्न करना, चुम्बकीय
(c) ऊष्मी, चुम्बकीय, रासायनिक
(d) रासायनिक, चुम्बकीय, विद्युत झटका देना
2. बन्द अति-धारा बचाव द्वारा परिपथ के लिए केबिल में आवश्यक धारा प्राप्त करने के लिए सामान्य धारा वहन क्षमता को रेटिंग फैक्टर का गुणांक होना चाहिए जो निम्न होता है
(a) 0.81
(b) 0.91
(c) 1.01
(d) 1.23
3. यद्यपि किसी वैद्युत अधिष्ठापन का ICDP स्विच बन्द अवस्था में है, तो भी किसी स्विच से संयोजित भार सामान्य रूप से कार्य कर रहा है। इसका कारण है
(a) स्विच में L व E के बीच भू-दोष
(b) स्विच के व्यारोध धारक श्लाका (baffle carrier rod) पर अवस्थापित ढीला हैण्डिल
(c) स्विच में L व N के बीच लघु-पथन
(d) क्षतिग्रस्त संकार्य श्लाका के कारण स्विच में व्यारोध विवृत्त (खुली) अवस्था में है।
4. अर्द्ध-चालक सामग्रियाँ न चालक हैं और न विद्युतरोधी। अर्द्ध-चालक की चालकता बढ़ाने का एक उपाय है
(a) अशुद्ध अणुओं को हटाकर
(b) शुद्ध अणुओं को जोड़कर
(c) अशुद्ध अणुओं को जोड़कर
(d) वोल्टता का प्रयोग कर
6. डायोड OA79 का कौन-सा सिरा कैथोड के रूप में पहचाना जाता है?
(a) एक सिरे पर रंगीन बिन्दु वाला
(b) एक सिरे पर रंगीन पट्टी वाला
(c) दोनों सिरों में से कम लम्बाई वाला सिरा
(d) 'K' अक्षर अंकित सिरा
7. निम्नलिखित में से कौन-सा पदार्थ, अर्द्ध-चालक की भाँति प्रयोग किया जाता है?
(a) ताँबा
(b) प्लास्टिक
(c) सिलिकॉन
(d) पीतल
8. डायोड की मुख्य विशेषता यह है कि
(a) यह केवल एक ही दिशा में धारा का प्रभावी प्रवाह होने देता है
(b) इसमें से अधिकांश धारा तब प्रवाहित होती है जब यह विपरीत दिशा में बायस्ड होता है।
(c) फॉरवर्ड बायस्ड दिशा में इसमें से धारा प्रवाह नहीं होता
(d) इसमें कैथोड से एनोड की ओर धारा प्रवाह होता है
10. सिलिकॉन PN जंक्शन डायोड की 25℃ तामपान पर बैरियर वोल्टता होती है
(a) 0.3 वोल्ट
(b) 0.5 वोल्ट
(c) 0.7 वोल्ट
(d) 1.0 वोल्ट
11. आजकल बल्ब के स्थान पर निम्न वोल्टता पर कार्य करने वाली ठोस अवस्था युक्ति प्रयोग की जाती है, उसका नाम है
(a) जीनर डायोड
(b) PN-डायोड
(c) लाइट एमिटिंग डायोड
(d) फोटो कण्डक्टिव डायोड
12. किसी डायोड पर फॉरवर्ड बायस आरोपित करते ही उसके परिपथ में एक उच्च मानक धारा प्रवाहित होने लगती है, यह धारा कहलाती है
(a) सर्ज धारा
(c) दिष्ट धारा
(b) प्रत्यावर्ती धारा
(d) विसर्जन धारा
13. डायोड की फॉरवर्ड बायस अवस्था में 'N-प्रकार' के पदार्थ से कुछ मुक्त इलेक्ट्रॉन्स निकलकर 'P-प्रकार' के पदार्थ में प्रवेश कर जाते हैं। ये मुक्त इलेक्ट्रॉन 'P-प्रकार' के पदार्थ में
(a) एकत्र हो जाते हैं
(b) 'रिक्तियों' के साथ पुनर्मिलन क्रिया करते हैं
(c) से बिना किसी प्रभाव के पार निकल जाते हैं
(d) उपर्युक्त में से कुछ भी नहीं करते
14. डायोड आदि ठोस अवस्था युक्तियों में एक अवगुण यह है कि यदि उनका तापमान एक सुरक्षित मान (75°C) से अधिक हो जाए, तो वे बेकार हो जाती हैं। तकनीकी भाषा में यह प्रक्रिया कहलाती है
(a) रिवर्स बायसिंग
(b) पुनर्मिलन
(c) पलायन
(d) 'थर्मल रनवे’
15. डायोड का अग्र बायस प्रतिरोध होता है
(a) शून्य
(b) निम्न
(c) उच्च
(d) अनन्त
17. जर्मेनियम का ब्रेक डाउन वोल्टेज होता है
(a) 0.75 eV
(b) 0.6 eV
(c) 7.5 eV
(d) 19.6 eV
18. अर्द्धचालकों का प्रतिरोध ताप गुणांक होता है
(a) सदैव धनात्मक
(b) सदैव ऋणात्मक
(c) शून्य
(d) उपर्युक्त सभी
19. P-N संधि में रोधक विभव अधिकतम होता है
(a) पश्च बायस की स्थिति में
(b) अग्र बायस की स्थिति में
(c) संधि डायोड को दिष्टकारी के रूप में काम में लेने पर
(d) शून्य बायस की स्थिति में
20. अग्र बायसित स्थिति में अवक्षय परत की चौड़ाई
(a) बढ़ती है
(b) घटती है
(c) नियत रहती है
(d) अनिर्धारित
उत्तर - 1c, 2d, 3b, 4c, 5c, 6b, 7c, 8a, 9d, 10c, 11c, 12a, 13b, 14d, 15b, 16b, 17a, 18b, 19a, 20b
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