41 लघु पिच वाइण्डिग में क्वॉयल पिच व पोल पिच के मध्य संबंध होता है
(a) क्वॉयल-पिच = पोल-पिच
(b) क्वॉयल-पिच < पोल-पिच
(c) क्वॉयल-पिच > पोल-पिच
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
42. यदि किसी वाइण्डिग में क्वॉयल, पोल एवं फेज की संख्या एक से अधिक है तथा वह भिन्न स्लॉट में लगी है तो ऐसी वाइण्डिग कहलाएगी
(a) सिंगल लेयर वाइण्डिग
(b) डबल लेयर वाइण्डिग
(c) कॉन्सेन्ट्रिक वाइण्डिग
(d) डिस्ट्रीब्यूटेड वाइण्डिग
43. डी०सी० आर्मेचर पर वाइण्डिग की कौन-सी पद्धति प्रयोग में ली जाती है
(a) रिंग आर्मेचर पद्धति
(b) ड्रम आर्मेचर पद्धति
(c) खुली क्वॉयल आर्मेचर पद्धति
(d) (a) व (b) दोनों
44. डी०सी० आर्मेचर वेव वाइण्डिग में वाइण्डिग पिच का मान होता है
(а) Уb-Ур
(b) yb + y f
(с) Уb-Уb
(d) yb/yf
45. ग्राउलर का उपयोग किया जाता है
(a) मोटर का इन्सुलेशन प्रतिरोध चैक करने के लिए
(b) बैलेंस टेस्ट के लिए
(c) शॉर्ट सर्किट तथा ओपन सर्किट टेस्ट के लिए
(d) उपर्युक्त सभी
46. यदि किसी वाइण्डिग में क्वॉयलों की संख्या, पोल प्रति फेज एक है, तो वह वाइण्डिग कहलाएगी
(a) सिंगल लेयर वाइण्डिग
(b) डबल लेयर वाइण्डिग
(c) कॉन्सेन्ट्रिक वाइण्डिग
(d) डिस्ट्रीब्यूटेड वाइण्डिग
47. यदि किसी वाइण्डिग में क्वॉइल ग्रुप समान सेन्टर की हो, तो वाइण्डिग कहलाती है
(a) कॉन्सन्ट्रेट वाइण्डिग
(b) डिस्ट्रीब्यूटेड वाइण्डिग
(c) कॉन्सेन्ट्रिक वाइण्डिग
(d) स्कीन वाइण्डिग
48. सिंगल फेज मोटर में अधिकतर कौन-सी वाइण्डिग प्रयुक्त होती है?
(a) मैश टाइप वाइण्डिग
(b) कॉन्सेन्ट्रिक वाइण्डिग
(c) डिस्ट्रीब्यूटेड वाइण्डिग
(d) डायमण्ड क्वॉयल वाइण्डिग
49. डी०सी० आर्मेचर लैप वाइण्डिग में वाइण्डिग पिच का मान होता है
(а) Уb-Ур
(b) yb+ y f
(с) Уb.Уf
(d) yb/yf
50. वेव वाइण्डिग में
(a) बैक-पिच व फ्रन्ट-पिच दोनों की मात्रा पोल पिच के बराबर होनी चाहिए
(b) बैक पिच तथा फ्रंट-पिच विषम अंकों वाली संख्या में होनी चाहिए
(c) बैक पिच तथा फ्रन्ट में दो का अंतर रखना चाहिए
(d) उपर्युक्त सभी
51. इन्टर्नल ग्राउलर का उपयोग किया जाता है
(a) लघु डी०सी० मोटर में
(b) वृहद डी०सी० मोटर के आर्मेचर में
(c) ए०सी० मोटर के स्टेटर में
(d) (a) व (b) दोनों
52. यदि एक क्वॉयल के सिरो को कम्यूटेटर बार पर लगभग एक पोल पिच की दूरी पर जोड़ा जाए तो इस पूरी वाइण्डिग को कहते हैं
(a) लैप वाइण्डिग
(b) वेव वाइण्डिग
(c) रिंग वाइण्डिग
(d) आयताकार वाइण्डिग
53. क्वॉयल के सिरों को कम्यूटेटर सेगमेन्ट पर जोड़ने की प्रक्रिया को कहते हैं
(a) कम्यूटेटर कनेक्शन
(b) क्वॉयल कनेक्शन
(c) स्लॉट कनेक्शन
(d) इनमें से कोई नहीं
54. क्वॉयल का वह भाग जो स्टेटर कोर की स्लॉट में व्यवस्थित रहता है और जिसमें मैग्नेटिक लाइन के कटने से e.m.f. (विद्युत वाहक बल ) उत्पन्न होता है, कहलाता है
(a) सक्रिय साइड
(b) अक्रिय साइड
(c) पोल-पिच
(d) बैक-पिच
55. क्वॉयल-पिच या वाइण्डिग पिच तथा पोल-पिच का अनुपात कहलाता है
(a) क्वॉयल फैक्टर
(b) वाइण्डिग फैक्टर
(c) पिच फैक्टर
(d) इनमें से कोई नहीं
56. कुल क्वॉयल ग्रुप को किस सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है?
(a) कुल क्वॉयल ग्रुप = फेजों की संख्या पोलों की संख्या
(b) कुल क्वॉयल ग्रुप = फेजों की संख्या × पोल्स की संख्या
(c) कुल क्वॉयल ग्रुप = वाइन्डिंग की संख्या फेजों की संख्या
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
57. एकल परत वाइण्डिग में प्रयुक्त स्टेटर या आर्मेचर में क्वॉयल की संख्या कितनी होती है?
(a) क्वॉयल की संख्या = स्लॉटों की संख्या
(b) क्वॉयल की संख्या = स्लॉटों की संख्या/2
(c) क्वॉयल की संख्या =स्लॉटों की संख्या /3
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
58. पूर्ण पिच वाइण्डिग में क्वॉयल पिच होती है
(a) क्वॉयल-पिच = पोलों की संख्या × फेजों की संख्या
(b) क्वॉयल-पिच = पोल-पिच
(c) क्वॉयल-पिच < पोल-पिच
(d) क्वॉयल-पिच > पोल-पिच
59. क्वॉयल का वह भाग जो स्लॉट से बाहर रहता है, कहलाता है
(a) सक्रिय साइड
(b) अक्रिय साइड
(c) पोल-पिच
(d) बैक-पिच
60. यदि मशीन वाइण्डिग में एक से अधिक क्वॉयलों को श्रेणी क्रम में संयोजित कर समूह बना दिया जाए तो वह ..... कहलाता है।
(a) पिच ग्रुप
(b) पोल ग्रुप
(c) क्वॉयल ग्रुप
(d) क्वॉयल कनेक्शन
उत्तर 41b, 42d43d, 44b, 45a, 46b, 47d, 48c, 49c, 50b, 51a, 52d, 53b, 54a, 55c, 56b, 57b, 58b, 59b, 60c
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