(a) वोल्टता, धारा या शक्ति में वृद्धि
(b) इनपुट सिगनल में परिवर्तन
(c) सिगनल के आवृत्ति रेसपॉन्स में वृद्धि
(d) डिस्टॉर्शन रहित रेडियो सिगनल
3. कॉमन-एमीटर (CE) प्रवर्धक में कट-ऑफ आवृत्ति पर वोल्टेज गेन, अपने अधिकतम मान का ......... रह जाता है।
(a) 0.5
(b) 0.637
(c) 0.707
(d) 0.9
4. प्रवर्धक में निगेटिव फीडबैक प्रयोग करने का उद्देश्य है
(a) डिस्टॉर्शन में कमी करना
(b) डिस्टॉर्शन में वृद्धि करना
(c) गेन में वृद्धि करना
(d) आउटपुट शक्ति में वृद्धि करना
5. एक कॉमन-कलेक्टर (CC) प्रवर्धक प्रयोग किया जाता है
(a) उच्च इनपुट अपघात स्रोत को निम्न आउटपुट अपघात भार से मैच करने के लिए
(b) निम्न इनपुट अपघात स्रोत को उच्च आउटपुट अपघात भार से मैच करने के लिए
(c) उच्च इनपुट अपघात स्त्रोत को उच्च आउटपुट अपघात भार से मैच करने के लिए
(d) निम्न इनपुट अपघात स्त्रोत को निम्न आउटपुट अपघात भार से मैच करने के लिए
6. कॉमन-बेस (CB) प्रवर्धक का धारा गेन
(a) इकाई से अधिक होता है
(b) इकाई से कम होता है
(c) ठीक इकाई के बराबर होता है
(d) 100 से अधिक होता
7. डायरेक्ट कपल्ड (DC) प्रवर्धक उपयोग किया जाता है
(a) ऑडियो आवृत्ति के निम्न मान के ऐम्प्लीफिकेशन के लिए के
(b) औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में डी०सी० वोल्टेज नियन्त्रण के लिए
(c) कम्प्लीमेन्ट्री प्रकार के प्रवर्धक परिपथों में
(d) उपर्युक्त सभी उद्देश्य की पूर्ति के लिए
8. जिस प्रवर्धक में निवेशित संकेत की आकृति में कोई परिवर्तन नहीं होता, वह कहलाता है
(a) पल्स प्रवर्धक
(b) लीनियर प्रवर्धक
(c) नॉन-लीनियर प्रवर्धक
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
9. एमीटर बाइपास संधारित्र (Ce) के अति-तापन का कारण है
(a) C का मान कम होना
(b) C का मान अधिक होना
(c) C का विपरीत ध्रुवता में संयोजित होना
(d) C का लघुपथित होना
12. श्रेणी 'बी' प्रवर्धक की दक्षता लगभग…होती है।
(a) 10% से 30%
(b) 30% से 50%
(c) 50% से 60%
(d) 70% mes 100%
13. श्रव्य आवृत्ति प्रवर्धक (AF amplifier) में विरूपण (distortion) का सम्भावित कारण है
(a) युग्मन संधारित्र का खुला परिपथ हो जाना
(b) ऑन/ऑफ स्विच का खुला परिपथ हो जाना
(c) इनपुट संकेत स्तर का अति उच्च होना
(d) बाइपास संधारित्र का खुला परिपथ हो जाना
14. शक्ति प्रवर्धक, वास्तव में होता है।
(a) एक अपघात सुमेलन युक्ति
(b) एक वोल्टेज प्रवर्धक
(c) एक धारा प्रवर्धक
(d) एक RC युग्मित प्रवर्धक
15. पुश-पुल प्रवर्धक की अपेक्षा पूरक सममिति प्रवर्धक को वरीयता प्रदान की जाती है, इसका कारण है
(a) अधिक शक्ति लाभ
(b) अधिक दक्षता
(c) परिणामित्र विहीन परिपथ
(d) निम्न स्तरीय विरूपण
16. आपॅरेशनल प्रवर्धक का निर्गत प्रतिघात (output impedance) होता है, लगभग
(a) 50 ΜΩ
(b) 50 ΚΩ
(c) 500 Ω
(d) 50 Ω
17. निम्नलिखित में से कौन-सा आपॅरेशनल प्रवर्धक का अनुप्रयोग नहीं है?
(a) समाकलन
(b) निर्गत शक्ति प्रवद्धक
(c) योगात्मक प्रवर्धक
(d) वोल्टेज प्रवर्धक
18. ऑपरेशनल प्रवर्धक निम्नलिखित में से किसका प्रवर्द्धन कर सकता है?
(a) केवल डी०सी० वोल्टेज का
(b) केवल ए०सी० वोल्टेज का
(c) केवल पल्स संकेतों का
(d) उपर्युक्त सभी
19. कपलिंग के आधार पर प्रवर्धक का प्रकार नहीं है
(a) R-C कपल्ड प्रवर्धक
(b) L-C कपल्ड प्रवर्धक
(c) L-C कपल्ड प्रवर्धक
(d) डायरेक्ट कपल्ड प्रवर्धक
20. उभयनिष्ठ उत्सर्जक (CE) प्रवर्धक सर्वाधिक प्रयुक्त होता है; क्योंकि
(a) इसका पावर गेन कम होता है
(b) इसकी निर्गत वोल्टता कम होती है
(c) इसका पावर गेन अधिक होता है
(d) इसका मूल्य कम होता है
उत्तर- 1a, 2b, 3c, 4a, 5a, 6b, 7d, 8b, 9c, 10c, 11c, 12c, 13c, 14c, 15c, 16d 17b, 18d, 19c, 20c
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