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ITI Electrician Theory 2nd Year Pdf 2025

1. एन०पी०एन० (N-P-N) ट्रांजिस्टर को पी०एन०पी० (P-N-P) ट्रांजिस्टर की तुलना में वरीयता दी जाती है, इसका कारण है

(a) उच्च स्विचिंग गति
(b) पॉजिटिव सप्लाई प्रदान करना सरल होता है
(c) प्रचालन तापमान की बड़ी सीमा
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं




2. एक ट्रांजिस्टर में होते हैं

(a) एक P-N संगम
(b) दो P-N संगम
(c) तीन P-N संगम
(d) चार P-N संगम

3. ट्रांजिस्टर एक. …प्रचालित युक्ति है।

(a) वोल्टता
(b) धारा
(c) (a) तथा (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं

4. ट्रांजिस्टर बायसिंग की वरीयता प्राप्त विधि है

(a) एमीटर बायसिंग
(b) वोल्टता-विभाजक बायसिंग
(c) बेस बायसिंग
(d) (a) तथा (c) दोनों

5. ट्रांजिस्टर के एक प्रकार के संवेष्ठन में 'कलेक्टर' संयोजी सिरे को 'ग्राउण्ड' किया होता है, वह संवेष्ठन (package) है

(a) प्लास्टिक संवेष्ठन
(b) सिरेमिक संवेष्ठन
(c) धात्विक संवेष्ठन
(d) शक्ति ट्रांजिस्टर संवेष्ठन

6. जिन ट्रांजिस्टर में विद्युत धारा चालन केवल एक प्रकार के आवेश वाहकों के द्वारा सम्पन्न होता है, वह…….कहलाते हैं।

(a) पोलर ट्रांजिस्टर
(b) बाइपोलर ट्रांजिस्टर
(c) यूनीपोलर ट्रांजिस्टर
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

7. ट्रांजिस्टर के बेस को प्रदान की जाने वाली बायस वोल्टेज का मान स्थिर रहना चाहिए, अन्यथा उसका आउटपुट विकृत (distorted) हो जाता है। बेस बायसिंग की किस विधि में 'एमीटर प्रतिरोधक' एवं 'एमीटर प्रतिरोधक बाईपास संधारित्र' का प्रयोग आवश्यक होता है?

(a) बेस प्रतिरोधक बायसिंग विधि
(b) फीडबैक प्रतिरोधक बायसिंग विधि
(c) वोल्टेज विभाजक बायसिंग विधि
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

8. ट्रांजिस्टर वायरिंग में 'स्लीव' प्रयोग करने का उद्देश्य है

(a) संयोजी सिरों के मध्य आवश्यक दूरी प्रदान करने हेतु
(b) संयोजी सिरों की पहचान हेतु
(c) ट्रांजिस्टर बॉडी तथा PCB पर जोड़ के मध्य न्यूनतम दूरी सुनिश्चित करने हेतु
(d) उपर्युक्त तीनों कारणों की पूर्ति हेतु

10. कॉमन बेस ट्रांजिस्टर विन्यास का इनपुट प्रतिरोध होता है

(a) 100ΚΩ
(b) 1 ΚΩ
(c) 10 ΚΩ
(d) 20 ΚΩ

11. एक CRO की विशिष्टता (specification) प्लेट पर 50 MHz अंकित है। इसका अर्थ यह है कि

(a) स्वीप सिगनल की आवृत्ति 50 MHz है
(b) क्षैतिज ऑसिलेटर की आवृत्ति 50 MHz है
(c) ऊर्ध्वाधर ऑसिलेटर की आवृत्ति 50 MHz है
(d) इनपुट सिगनल आवृत्ति 50 MHz से कम होनी चाहिए

12. जब समान आवृत्ति तथा आयाम के सिगनल CRO की X एवं Y इनपुट पर आरोपित किए जाते हैं तब स्क्रीन पर परिणामी पैटर्न होता है

(a) एक सरल रेखा
(b) वृत्त
(c) दीर्घवृत्त
(d) परवलय

13. CRT की स्क्रीन द्वारा उत्सर्जित प्रकाश निर्भर नहीं करता।

(a) उस ऊर्जा पर जिसके द्वारा इलेक्ट्रॉन स्क्रीन पर बॉमबार्डमेन्ट करते हैं
(b) उस अवधि पर जिसमें बीम, फॉस्फर के एक निश्चित क्षेत्र पर स्ट्राइक करती है
(c) फॉस्फर के भौतिक अभिलक्षण पर
(d) इनपुट सिगनल के आयाम पर

14. CRO में फोकसिंग विधि प्रयुक्त की जाती है।

(a) इलेक्ट्रोमैग्नेटिक
(b) इलेक्ट्रोस्टेटिक
(c) (a) तथा
(b) दोनों
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

15. CRO में बीम के कलर द्वारा……..के अभिलक्षण ज्ञात किए जाते हैं।

(a) प्रेक्षित किया जाने वाला इनपुट सिगनल
(b) स्क्रीन पर कोटिंग मैटीरियल
(c) कैथोड से उत्सर्जित प्राइमरी इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा
(d) उपर्युक्त सभी

16. ट्रांजिस्टर की शून्य सिगनल (zero signal) स्थिति का अर्थ है

(a) आधार परिपथ खुला है
(b) संग्राहक परिपथ खुला है
(c) उत्सर्जक परिपथ खुला है
(d) सिगनल वोल्टेज शून्य है

17. CRO के स्क्रीन पर स्पॉट (spot) का कलर का अभिलक्षण प्रदर्शित करता है।

(a) CRT में इलेक्ट्रॉन गन
(b) प्रेक्षित की जा रही तरंग
(c) स्क्रीन की कोटिंग में प्रयुक्त पदार्थ
(d) स्क्रीन को स्ट्राइक करने वाले इलेक्ट्रॉनों का वेग

18. CRO द्वारा ए०सी० वोल्टेज का निम्न में से कौन-सा मान ज्ञात किया जा सकता है?

(a) r.m.s. peak एवं औसत मान
(b) केवल r.m.s. मान
(c) केवल peak मान
(d) केवल औसत मान

19. CRO प्रदर्शित करता है

(a) वोल्टेज का peak to peak मान
(b) वोल्टेज का डी०सी० मान
(c) r.m.s. मान
(d) औसत मान

20. CRO …….प्रदर्शित कर सकता है।

(a) ए०सी० सिगनल
(b) डी०सी० सिगनल
(c) (a) तथा (b) दोनों
(d) समय के साथ परिवर्तित होने वाले सिगनल

उत्तर - 1c, 2b, 3b, 4b, 5d, 6c, 7c,8d, 9b, 10d, 11a, 12a, 13d, 14b, 15d 16d, 17c, 18a, 19a, 20c

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